घुमक्कड़ डोट कॉम के सभी पाठकों को मेरी और से सादर नमस्कार. मैंने घुमक्कड़ पर रूचि लेना अभी कुछ समय पहले ही शुरू किया है अतः आप लोग मुझे घुमक्कड़ परिवार की नयी सदस्य कह सकते हैं. मेरे हसबेंड श्री मुकेश भालसे इस अंतरजाल (वेबसाइट ) से पहले से ही यात्रा वृत्तान्त लेखक के रूप में जुड़े हैं एवं उनकी घुमक्कड़ डोट कॉम के प्रति प्रेम तथा निष्ठा देखकर मैं भी धीरे धीरे इस सम्मानजनक मंच से जुड़ गई तथा अब तो यह स्थिति है की पूजा पाठ के बाद दैनिक कार्यों की शुरुआत घुमक्कड़ के साथ ही होती है. अगर मैं यह कहूँ की घुमक्कड़ हमारे परिवार का एक चहेता सदस्य है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.
मैं आज अपनी इस पहली पोस्ट के साथ घुमक्कड़ पर लिखना शुरू कर रही हूँ तथा मुझे पूरा विश्वास है की मुझे अपने सभी घुमक्कड़ साथियों का आशीर्वाद तथा मार्गदर्शन अनवरत मिलता रहेगा.
मैं अपने परिवार के साथ वर्ष में एक या एक से अधिक बार (मुख्यतः धार्मिक स्थान पर) घुमक्कड़ी कर ही लेती हूँ, इन यात्राओं में हमें बहुत से खट्टे मीठे अनुभव होते हैं तथा हर यात्रा हमें कुछ नया सिखा जाती है, अपनी यात्राओं के इन्ही खट्टे मीठे अनुभवों से प्राप्त कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं को कलमबद्ध करके आज में आपलोगों को प्रस्तुत कर रही हूँ, आशा है की यह जानकारी साथी घुमक्कड़ों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी, अगर ऐसा होता है तो मैं समझूंगी की मेरा प्रयास अर्थपूर्ण रहा.
यात्रा शुरू करने से पहले यात्रा सम्बंधित निम्नलिखित सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर गौर कर लें ताकि आपका सफ़र उर्दू वाला सफ़र ही रहे, अंग्रेजी वाला सफ़र (suffer) न बन जाए.
1. सफ़र की योजना:
सफ़र (यात्रा) पर जाने से पहले हर पहलु को ध्यान में रखकर एक अच्छी योजना पर अवश्य कार्य कर लें जैसे:
सबसे पहले हमारे पास उपलब्ध दिनों की संख्या, यात्रा के साधनों की सुलभता आदि को ध्यान में रखकर एक यात्रा क्रम (Itinerary) बना लें, इस यात्रा क्रम को तैयार करने में अंतरजाल (Internet) बहुत सहायक होता है.
जहाँ तक संभव हो सके हमारे गंतव्य स्थान पर रात्रि विश्राम (Stay) के लिए उपयुक्त होटल, धर्मशाला, गेस्ट हाउस आदि यात्रा से पहले ही (टेलीफोन/इन्टरनेट की मदद से) आरक्षित करवा लें ताकी आप नई जगह पर परेशान होने से बच सकें.
सही समय पर रेल/ हवाई जहाज/ बस आदि में अपनी सीट आरक्षित करवा लें ताकि आपको अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े.
गंतव्य स्थान (Destination) के मौसम की पूर्व जानकारी अवश्य ले लें तथा उसके अनुसार ही अपनी यात्रा की योजना बनायें, यह तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब आपके साथ बच्चे या बुजुर्ग भी यात्रा में शामिल हैं.
2. सफ़र में आवश्यक सामान:
सफ़र पर निकलने से पहले अपनी तैयारी बहुत सोच समझकर तथा शान्ति से करें और सुनिश्चित करें की आप कुछ महत्वपूर्ण सामान रखना तो नहीं भूल रहे हैं जैसे – आपका केमेरा, केमेरा का चार्जर, केमरे के लिए अतिरिक्त मेमोरी कार्ड मोबाइल का चार्जर, आपके आरक्षण टिकटों की प्रतियाँ, फोटो आईडी, शेविंग किट, गंतव्य स्थान (Destination) से सम्बंधित मार्गदर्शिका (Guide), आवश्यक नक़्शे, अन्य रोजमर्रा की आवश्यकता के सामान जैसे तेल, साबुन, कंघा, क्रीम, टॉवेल आदि, मौसम के अनुरूप तथा कम से कम मात्रा में कपड़े, ATM कार्ड, क्रेडिट कार्ड, आपके बिजनेस कार्ड आदि.
3. सफ़र के साथी:
यात्रा में आपके साथ जाने वाले सदस्यों की उम्र एक अति महत्वपूर्ण तथा विचारणीय पहलु है, अतः उनकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर ही यात्रा नियोजित करनी चाहिए.
यदि आपके साथ यात्रा में बुजुर्ग भी हैं और आपको रेल यात्रा करनी है तो आप उचित समय पर अपना रेल आरक्षण करवा लें ताकि आपको बुजुर्गों के लिए लोअर बर्थ मिल सके.
यात्रा के दौरान बुजुर्गों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी अति आवश्यक है, अतः अपनी यात्रा की योजना ऐसी बनायें की बुजुर्गों को पर्याप्त आराम मिल सके.
यात्रा से पहले बुजुर्गों का स्वास्थ्य परिक्षण अवश्य करवा लें तथा आवश्यक दवाई गोलियां साथ में लेकर जाएँ, उनके लिए यात्रा के दौरान भोजन स्वास्थ्यवर्धक हो यह भी सुनिश्चित कर लें.
कुछ बच्चे बहुत शरारती एवं चंचल होते हैं, अतः रेल यात्रा के दौरान उन्हें कोच के दरवाज़े के पास न जाने दें तथा अकेले न छोड़ें, बीच के स्टेशनों पर भी उन्हें निचे न उतरने दें. दर्शनों के दौरान भी बच्चों का पूरा ध्यान रखें तथा उन्हें अपने से दूर न जाने दें, बच्चों के भीड़ में खो जाने का डर होता है. बच्चों को अपने अभिभावक का मोबाइल नंबर अवश्य याद करवा दें. यदि बहुत ज्यादा भीड़ वाले धार्मिक स्थान पर जा रहे हों तो बच्चों के गले में आई डी कार्ड लटका दें.
4. सफ़र में खानपान:
सफ़र के दौरान खानपान का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है, क्योंकी बाहरी परिवेश में अस्वास्थ्यकर खाना आपको अस्वस्थ कर सकता है अतः आप यात्रा के दौरान अपने खानपान के रूटीन में ज्यादा बदलाव न लायें तथा बाहर का खाना एक सीमा में रहकर ही खाएं .
हम जिस जगह पर घुमने जा रहे हैं वहां अगर हमारी पसंद का भोजन मिलने की सम्भावना कम हो तो घर से ही खाने पीने का कुछ ऐसा सामान जो कई दिनों तक सुरक्षित रहता हो तथा जल्द ख़राब न हो जैसे डिब्बाबंद स्नेक्स, अचार, नमकीन, मिठाइयाँ तथा अन्य परिरक्षित (Preserved) खाद्य सामग्री पैक कर के रख लें.
फल, मुंगफली, प्रोटीन शेक, पोपकोर्न, जैसी चीजों से आप अपने आप को हल्का फुल्का भी महसूस करेंगे तथा इन्हें थोड़ी थोड़ी देर में लेने से कोई नुकसान भी नहीं होगा.
आप जहाँ जा रहे हैं वहां जाने से पहले ही तय कर लें की आपको कहाँ ठहरना है तथा आसपास में कौन से अच्छे रेस्त्रां हैं. जहाँ तक संभव हो सके यात्रा के दौरान नॉन वेज न खाएं क्योंकि यह गरिष्ठ होता है तथा आपका पेट अपसेट हो सकता है.
5. सफ़र और स्वास्थ्य:
पर्यटन के दौरान आपका स्वस्थ होना सबसे आवश्यक है, यदि आप स्वस्थ ही नहीं होंगे तो आप यात्रा का आनंद नहीं उठा पाएंगे तथा आपकी वजह से आपके सफ़र के अन्य साथी भी मज़ा नहीं ले पायेंगे. सफ़र में कुछ बिमारियों और परेशानियों से बचा जाए तो घुमने फिरने का मजा दुगुना हो जाता है.
सफ़र में बैठने के लिए स्वच्छ एवं हवादार स्थान का चयन करें. सफ़र में स्वच्छ, आरामदायक तथा ढीले ढाले परिधान (कपड़े) पहनें. सफ़र में टाइम पास करने के लिए अपनी पसंद की कुछ पत्रिकाएं तथा संगीत सुनाने के लिए ईअर पीस भी रखें.
सफ़र में गरिष्ठ भोजन न करें, बिलकुल भूखे रहकर सफ़र करना भी ठीक नहीं है. नाश्ता हल्का ही करें, साथ में निम्बू, इलायची, लौंग, पुदीना सत तथा ओरेंज टोफियाँ रखें. पिने के पानी में कम मात्र में ग्लूकोज, पिपरमेंट आदि मिलाएं.
कुछ लोगों को कार, हवाई जहाज, बस, झूले आदि में चक्कर आने तथा उल्टी होने की शिकायत रहती है, उन्हें चाहिए की वे पर्यटन पर निकलने से पहले अपने चिकित्सक के परामर्श से दवाईयाँ आदि साथ कलेकर ही सफ़र के लिए निकलें.
6. सफ़र और आपका सौंदर्य (महिलाओं के लिए):
पर्यटन तथा सफ़र के दौरान हमारे सौंदर्य की देखभाल भी अति आवश्यक है. अतः निम्न बिन्दुओं पर विशेष रूप से गौर फरमाएं.
सफ़र के दौरान पसीना अधिक आता है, अतः ऐसा मेकअप करें जो पसीने से ख़राब न हो. सफ़र में हल्का मेकअप करें तथा वेलवेट की बिंदी इस्तेमाल करें.
सफ़र के दौरान ट्रेन, बस में हवा की वजह से बाल उड़ते हैं और बिखर जाते हैं इसलिए हेयर स्प्रे लगा लेना ठीक रहता है. मेकअप किट हमेशा साथ रखें जिसमें सौंदर्य का आवश्यक सामान हो जैसे लिपस्टिक, आइब्रो पेंसिल, टेलकम पावडर, हेयर पिन, स्किन टोनर, टिशु पेपर, बिंदी, कंघा, कंडिशनर, क्लींजिंग मिल्क, मोइस्चराइजर, आदि.
सफ़र में बालों को खुला रखने के बजाये जुड़ा बना लें या चोटी कर लें, यदि बाल छते हों तो पोनी टेल भी कर सकती हैं.
मौसम के अनुरूप त्वचा की रक्षा के लिए सनस्क्रीन, कोल्ड क्रीम, लोशन आदि का उपयोग करें.
7. सफ़र और आस्था:
यदि आप धार्मिक यात्रा पर जा रहे हैं तो निम्न पहलुओं पर अवश्य विचार करें.
सबसे महत्वपूर्ण बात है की आप जिस धर्म स्थल पर दर्शन के लिए जा रहे हों वहां से आपका विश्राम स्थल (होटल/धर्मशाला/गेस्ट हाउस) जितना हो सके नजदीक होना चाहिए, यह बड़ा सुविधाजनक होता है तथा आप चलने की थकान व परेशानी से बच जाते हैं. करीब रहने से हमें भगवान के दर्शन एक से अधिक बार करने का सौभाग्य मिल जाता है तथा हमें यह भी एहसास होता है की हम किसी सिद्ध जगह के इतने करीब रह रहे हैं. रात की तथा सुबह की आरतियों तथा पूजन, अभिषेक में भी बिना परेशानी के शामिल हुआ जा सकता है.
पूजा अर्चना के लिए आवश्यक सामान जैसे जाप के लिए माला, पढने के लिए पोथी, जल चढाने के लिए छोटा कलश आदि साथ लेकर जाएँ.
जहाँ तक संभव हो धार्मिक यात्रा पर निकलने से पहले मंदिर (धर्मस्थल) के ट्रस्ट/संस्थान की वेबसाइट को अच्छे से पढ़कर तथा विश्लेषण करके जाएँ जिससे आपको वहां पर होने वाले वार्षिक/मासिक/दैनिक कार्यक्रमों, उत्सवों एवं आयोजनों की पूर्व जानकारी हो जाये तथा आप भीड़ तथा परेशानी से बचे रहें तथा आपको दर्शन सरलता तथा सुलभता से हो जाएँ (जो आपका मुख्य उद्देश्य होता है). यदि आप उत्सवों में शामिल होना चाहते हैं तो भी पूर्व जानकारी आपके लिए अति आवश्यक है.
यदि आपका ध्येय ईश्वर के दर्शन करना ही है तो अपनी यात्रा की योजना तीज, त्यौहारों, विशिष्ठ दिनों आदि को छोड़कर करें और भीड़ परेशानी से बचकर संतोषजनक दर्शनों का लाभ लें.
यदि इन छोटी छोटी बातों को आदत में शामिल कर लिया जाए तो आपका हर सफ़र सुहाना सफ़र होगा. आपके अगले सुहाने सफ़र के लिए मेरी और से ढेरों शुभकामनायें. बस अब मैं अपनी हिदायतों का सिलसिला अभी के लिए यहीं बंद करती हूँ तथा मिलती हूँ अगली बार मेरी अगली पोस्ट के साथ.
मैं आज अपनी इस पहली पोस्ट के साथ घुमक्कड़ पर लिखना शुरू कर रही हूँ तथा मुझे पूरा विश्वास है की मुझे अपने सभी घुमक्कड़ साथियों का आशीर्वाद तथा मार्गदर्शन अनवरत मिलता रहेगा.
मैं अपने परिवार के साथ वर्ष में एक या एक से अधिक बार (मुख्यतः धार्मिक स्थान पर) घुमक्कड़ी कर ही लेती हूँ, इन यात्राओं में हमें बहुत से खट्टे मीठे अनुभव होते हैं तथा हर यात्रा हमें कुछ नया सिखा जाती है, अपनी यात्राओं के इन्ही खट्टे मीठे अनुभवों से प्राप्त कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं को कलमबद्ध करके आज में आपलोगों को प्रस्तुत कर रही हूँ, आशा है की यह जानकारी साथी घुमक्कड़ों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी, अगर ऐसा होता है तो मैं समझूंगी की मेरा प्रयास अर्थपूर्ण रहा.
यात्रा शुरू करने से पहले यात्रा सम्बंधित निम्नलिखित सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर गौर कर लें ताकि आपका सफ़र उर्दू वाला सफ़र ही रहे, अंग्रेजी वाला सफ़र (suffer) न बन जाए.
1. सफ़र की योजना:
सफ़र (यात्रा) पर जाने से पहले हर पहलु को ध्यान में रखकर एक अच्छी योजना पर अवश्य कार्य कर लें जैसे:
सबसे पहले हमारे पास उपलब्ध दिनों की संख्या, यात्रा के साधनों की सुलभता आदि को ध्यान में रखकर एक यात्रा क्रम (Itinerary) बना लें, इस यात्रा क्रम को तैयार करने में अंतरजाल (Internet) बहुत सहायक होता है.
जहाँ तक संभव हो सके हमारे गंतव्य स्थान पर रात्रि विश्राम (Stay) के लिए उपयुक्त होटल, धर्मशाला, गेस्ट हाउस आदि यात्रा से पहले ही (टेलीफोन/इन्टरनेट की मदद से) आरक्षित करवा लें ताकी आप नई जगह पर परेशान होने से बच सकें.
सही समय पर रेल/ हवाई जहाज/ बस आदि में अपनी सीट आरक्षित करवा लें ताकि आपको अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े.
गंतव्य स्थान (Destination) के मौसम की पूर्व जानकारी अवश्य ले लें तथा उसके अनुसार ही अपनी यात्रा की योजना बनायें, यह तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब आपके साथ बच्चे या बुजुर्ग भी यात्रा में शामिल हैं.
2. सफ़र में आवश्यक सामान:
सफ़र पर निकलने से पहले अपनी तैयारी बहुत सोच समझकर तथा शान्ति से करें और सुनिश्चित करें की आप कुछ महत्वपूर्ण सामान रखना तो नहीं भूल रहे हैं जैसे – आपका केमेरा, केमेरा का चार्जर, केमरे के लिए अतिरिक्त मेमोरी कार्ड मोबाइल का चार्जर, आपके आरक्षण टिकटों की प्रतियाँ, फोटो आईडी, शेविंग किट, गंतव्य स्थान (Destination) से सम्बंधित मार्गदर्शिका (Guide), आवश्यक नक़्शे, अन्य रोजमर्रा की आवश्यकता के सामान जैसे तेल, साबुन, कंघा, क्रीम, टॉवेल आदि, मौसम के अनुरूप तथा कम से कम मात्रा में कपड़े, ATM कार्ड, क्रेडिट कार्ड, आपके बिजनेस कार्ड आदि.
3. सफ़र के साथी:
यात्रा में आपके साथ जाने वाले सदस्यों की उम्र एक अति महत्वपूर्ण तथा विचारणीय पहलु है, अतः उनकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर ही यात्रा नियोजित करनी चाहिए.
यदि आपके साथ यात्रा में बुजुर्ग भी हैं और आपको रेल यात्रा करनी है तो आप उचित समय पर अपना रेल आरक्षण करवा लें ताकि आपको बुजुर्गों के लिए लोअर बर्थ मिल सके.
यात्रा के दौरान बुजुर्गों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी अति आवश्यक है, अतः अपनी यात्रा की योजना ऐसी बनायें की बुजुर्गों को पर्याप्त आराम मिल सके.
यात्रा से पहले बुजुर्गों का स्वास्थ्य परिक्षण अवश्य करवा लें तथा आवश्यक दवाई गोलियां साथ में लेकर जाएँ, उनके लिए यात्रा के दौरान भोजन स्वास्थ्यवर्धक हो यह भी सुनिश्चित कर लें.
कुछ बच्चे बहुत शरारती एवं चंचल होते हैं, अतः रेल यात्रा के दौरान उन्हें कोच के दरवाज़े के पास न जाने दें तथा अकेले न छोड़ें, बीच के स्टेशनों पर भी उन्हें निचे न उतरने दें. दर्शनों के दौरान भी बच्चों का पूरा ध्यान रखें तथा उन्हें अपने से दूर न जाने दें, बच्चों के भीड़ में खो जाने का डर होता है. बच्चों को अपने अभिभावक का मोबाइल नंबर अवश्य याद करवा दें. यदि बहुत ज्यादा भीड़ वाले धार्मिक स्थान पर जा रहे हों तो बच्चों के गले में आई डी कार्ड लटका दें.
4. सफ़र में खानपान:
सफ़र के दौरान खानपान का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है, क्योंकी बाहरी परिवेश में अस्वास्थ्यकर खाना आपको अस्वस्थ कर सकता है अतः आप यात्रा के दौरान अपने खानपान के रूटीन में ज्यादा बदलाव न लायें तथा बाहर का खाना एक सीमा में रहकर ही खाएं .
हम जिस जगह पर घुमने जा रहे हैं वहां अगर हमारी पसंद का भोजन मिलने की सम्भावना कम हो तो घर से ही खाने पीने का कुछ ऐसा सामान जो कई दिनों तक सुरक्षित रहता हो तथा जल्द ख़राब न हो जैसे डिब्बाबंद स्नेक्स, अचार, नमकीन, मिठाइयाँ तथा अन्य परिरक्षित (Preserved) खाद्य सामग्री पैक कर के रख लें.
फल, मुंगफली, प्रोटीन शेक, पोपकोर्न, जैसी चीजों से आप अपने आप को हल्का फुल्का भी महसूस करेंगे तथा इन्हें थोड़ी थोड़ी देर में लेने से कोई नुकसान भी नहीं होगा.
आप जहाँ जा रहे हैं वहां जाने से पहले ही तय कर लें की आपको कहाँ ठहरना है तथा आसपास में कौन से अच्छे रेस्त्रां हैं. जहाँ तक संभव हो सके यात्रा के दौरान नॉन वेज न खाएं क्योंकि यह गरिष्ठ होता है तथा आपका पेट अपसेट हो सकता है.
5. सफ़र और स्वास्थ्य:
पर्यटन के दौरान आपका स्वस्थ होना सबसे आवश्यक है, यदि आप स्वस्थ ही नहीं होंगे तो आप यात्रा का आनंद नहीं उठा पाएंगे तथा आपकी वजह से आपके सफ़र के अन्य साथी भी मज़ा नहीं ले पायेंगे. सफ़र में कुछ बिमारियों और परेशानियों से बचा जाए तो घुमने फिरने का मजा दुगुना हो जाता है.
सफ़र में बैठने के लिए स्वच्छ एवं हवादार स्थान का चयन करें. सफ़र में स्वच्छ, आरामदायक तथा ढीले ढाले परिधान (कपड़े) पहनें. सफ़र में टाइम पास करने के लिए अपनी पसंद की कुछ पत्रिकाएं तथा संगीत सुनाने के लिए ईअर पीस भी रखें.
सफ़र में गरिष्ठ भोजन न करें, बिलकुल भूखे रहकर सफ़र करना भी ठीक नहीं है. नाश्ता हल्का ही करें, साथ में निम्बू, इलायची, लौंग, पुदीना सत तथा ओरेंज टोफियाँ रखें. पिने के पानी में कम मात्र में ग्लूकोज, पिपरमेंट आदि मिलाएं.
कुछ लोगों को कार, हवाई जहाज, बस, झूले आदि में चक्कर आने तथा उल्टी होने की शिकायत रहती है, उन्हें चाहिए की वे पर्यटन पर निकलने से पहले अपने चिकित्सक के परामर्श से दवाईयाँ आदि साथ कलेकर ही सफ़र के लिए निकलें.
6. सफ़र और आपका सौंदर्य (महिलाओं के लिए):
पर्यटन तथा सफ़र के दौरान हमारे सौंदर्य की देखभाल भी अति आवश्यक है. अतः निम्न बिन्दुओं पर विशेष रूप से गौर फरमाएं.
सफ़र के दौरान पसीना अधिक आता है, अतः ऐसा मेकअप करें जो पसीने से ख़राब न हो. सफ़र में हल्का मेकअप करें तथा वेलवेट की बिंदी इस्तेमाल करें.
सफ़र के दौरान ट्रेन, बस में हवा की वजह से बाल उड़ते हैं और बिखर जाते हैं इसलिए हेयर स्प्रे लगा लेना ठीक रहता है. मेकअप किट हमेशा साथ रखें जिसमें सौंदर्य का आवश्यक सामान हो जैसे लिपस्टिक, आइब्रो पेंसिल, टेलकम पावडर, हेयर पिन, स्किन टोनर, टिशु पेपर, बिंदी, कंघा, कंडिशनर, क्लींजिंग मिल्क, मोइस्चराइजर, आदि.
सफ़र में बालों को खुला रखने के बजाये जुड़ा बना लें या चोटी कर लें, यदि बाल छते हों तो पोनी टेल भी कर सकती हैं.
मौसम के अनुरूप त्वचा की रक्षा के लिए सनस्क्रीन, कोल्ड क्रीम, लोशन आदि का उपयोग करें.
7. सफ़र और आस्था:
यदि आप धार्मिक यात्रा पर जा रहे हैं तो निम्न पहलुओं पर अवश्य विचार करें.
सबसे महत्वपूर्ण बात है की आप जिस धर्म स्थल पर दर्शन के लिए जा रहे हों वहां से आपका विश्राम स्थल (होटल/धर्मशाला/गेस्ट हाउस) जितना हो सके नजदीक होना चाहिए, यह बड़ा सुविधाजनक होता है तथा आप चलने की थकान व परेशानी से बच जाते हैं. करीब रहने से हमें भगवान के दर्शन एक से अधिक बार करने का सौभाग्य मिल जाता है तथा हमें यह भी एहसास होता है की हम किसी सिद्ध जगह के इतने करीब रह रहे हैं. रात की तथा सुबह की आरतियों तथा पूजन, अभिषेक में भी बिना परेशानी के शामिल हुआ जा सकता है.
पूजा अर्चना के लिए आवश्यक सामान जैसे जाप के लिए माला, पढने के लिए पोथी, जल चढाने के लिए छोटा कलश आदि साथ लेकर जाएँ.
जहाँ तक संभव हो धार्मिक यात्रा पर निकलने से पहले मंदिर (धर्मस्थल) के ट्रस्ट/संस्थान की वेबसाइट को अच्छे से पढ़कर तथा विश्लेषण करके जाएँ जिससे आपको वहां पर होने वाले वार्षिक/मासिक/दैनिक कार्यक्रमों, उत्सवों एवं आयोजनों की पूर्व जानकारी हो जाये तथा आप भीड़ तथा परेशानी से बचे रहें तथा आपको दर्शन सरलता तथा सुलभता से हो जाएँ (जो आपका मुख्य उद्देश्य होता है). यदि आप उत्सवों में शामिल होना चाहते हैं तो भी पूर्व जानकारी आपके लिए अति आवश्यक है.
यदि आपका ध्येय ईश्वर के दर्शन करना ही है तो अपनी यात्रा की योजना तीज, त्यौहारों, विशिष्ठ दिनों आदि को छोड़कर करें और भीड़ परेशानी से बचकर संतोषजनक दर्शनों का लाभ लें.
यदि इन छोटी छोटी बातों को आदत में शामिल कर लिया जाए तो आपका हर सफ़र सुहाना सफ़र होगा. आपके अगले सुहाने सफ़र के लिए मेरी और से ढेरों शुभकामनायें. बस अब मैं अपनी हिदायतों का सिलसिला अभी के लिए यहीं बंद करती हूँ तथा मिलती हूँ अगली बार मेरी अगली पोस्ट के साथ.
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