Friday 27 July 2012

महालक्ष्मी मंदिर, मुंबई /Mahalakshmi Temple, Mumbai


जय महालक्ष्मी माँ
पिछली पोस्ट में मैंने आपको बताया था की किस तरह से हम सुबह से महालक्ष्मी मंदिर के दर्शनों के लिए निकले थे और गुडी पड़वा का त्यौहार होने की वजह से अत्यंत भीड़ थी और हमने हाजी अली दरगाह की ओर रुख कर लिया था. अगले दिन फिर सुबह से हम सब तैयार होकर निकल पड़े महालक्ष्मी देवी के दर्शन के लिए.
सुबह का समय था और आज अपेक्षाकृत भीड़ भी बहुत कम थी अतः हमें मंदिर में पहुँचने तथा दर्शन में बहुत कम समय लगा. मंदिर बहुत ही सुन्दर है, एक बात मंदिर परिसर की जो मुझे बहुत अच्छी लगी वो थी मंदिर परिसर में सभामंड़प के ठीक सामने बैठकर दो तीन लोग शहनाई पर बड़ी अच्छी धुन बजा रहे थे, इतना सुन्दर संगीत की बस सुनते ही रहने का मन कर रहा था.

Tuesday 10 July 2012

हाजी अली दरगाह-मुंबई / Haji Ali Dargah-Mumbai

साथियों, इस श्रंखला की पिछली कड़ी में मैंने आपको अपनी मुंबई यात्रा की शुरुआत और मुंबई की जीवन रेखा कही जाने वाली मुंबई लोकल ट्रेन्स के बारे में बताया था, और अब आपको लिए चलता हूँ मुंबई के कुछ चुनिन्दा पर्यटन स्थलों की ओर. मुंबई वैसे तो पर्यटन की द्रष्टि से इतना समृद्ध है की इसे इत्मिनान से निहारने के लिए कम से कम दस से बारह दिन का समय तो चाहिए ही लेकिन हमारे पास समय कम होने की वजह से मेरे मित्र विशाल ने हमारे घुमने के लिए कुछ ख़ास जगहों को चुन कर रखा था. वैसे विशाल ने इस मामले में मुझसे हमारी मर्जी भी जननी चाही थी, सो मैंने बचपन से मुंबई की जिन टूरिस्ट जगहों का नाम सुन रखा था उनमें से कुछ को देखने की इच्छा प्रकट की और इन्ही में से एक जगह थी हाजी अली की दरगाह.

सबसे पहले हाजी अली दरगाह का ये सुन्दर चित्र.