Monday, 31 December 2012

ताजमहल- बेपनाह मोहब्बत की अनमोल निशानी

साथियों,
इस श्रंखला की पिछली पोस्ट में मैंने आपलोगों को अपनी वृन्दावन यात्रा तथा वहां के अनुभवों के बारे में बताया था। वृन्दावन से लौट कर हम लोग अपने अतिथि गृह में आकर खाना खाकर सो गए थे। अगले दिन यानी 23.10.2012 को हमें सुबह आगरा के लिए निकलना था। रितेश गुप्ता जी हमें आगरा में अपने घर आने का आमंत्रण देकर गए थे तथा उन्होंने हमें यह भी आश्वासन दिया था की वे भी अपने परिवार सहित हमारे साथ ताज महल देखने के लिए आयेंगे, यह हमारे लिए बहुत ख़ुशी की बात थी।
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ख़ूबसूरत ताज महल

Thursday, 20 December 2012

वृन्दावन – राधा कृष्ण की रासलीला स्थली………….


साथियों, इस श्रंखला की पिछली पोस्ट में मैंने आपको हमारे बृज प्रदेश (मथुरा तथा गोकुल) के पर्यटन तथा भ्रमण की जानकारी दी थी और अब इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको मथुरा के निकट स्थित एक अन्य मनोहारी स्थल वृन्दावन लेकर चलूँगा। वृन्दावन वह स्थान है जहाँ भगवान श्री कृष्ण ने अपनी किशोरावस्था व्यतीत की थी तथा अपनी प्रेयसी राधारानी तथा अन्य गोपियों के साथ रास लीला रचाई थी।

रासलीला (Courtesy -www.dollsofindia.com)
आप लोगों को पता ही है की मथुरा में हमने दो दिनों के लिए एक होटल में एक चार बिस्तर वाला हॉल बुक करवाया था एवं पहले दिन मथुरा और गोकुल की सैर का आनंद लिया और अब दुसरे दिन हमें वृन्दावन जाना था। यह पूरा दिन हमने सिर्फ वृन्दावन के लिए ही रखा था, अतः हमने सोचा सुबह थोडा देर से भी निकलेंगे तो बड़े आराम से वृन्दावन घूम लेंगे क्योंकि मथुरा से वृन्दावन सिर्फ बारह किलोमीटर की ही दुरी पर है।

Monday, 10 December 2012

मथुरा एवं गोकुल – नन्हे कन्हैया की मधुर स्मृतियाँ………..


प्रिय साथियों,
लीजिये आज फिर से उपस्थित हूँ मैं अपनी अगली यात्रा कहानी के साथ। छः भागों की इस विस्तृत श्रंखला में मैं आपको ले कर चलूँगा भगवान् कृष्ण की पवित्र भूमि यानी बृज भूमि मथुरा, गोकुल, वृन्दावन तथा उसके बाद आगरा एवं आगरा से होते हुए हम चलेंगे भगवान् विश्वनाथ की नगरी यानी वाराणसी।

Krishna………The greatest musician of this world (Picture courtesy – Google)

कई दिनों से हमारी इच्छा थी की एक एक धार्मिक यात्रा अपने तथा कविता के मम्मी पापा के साथ भी की जाए, तो इस बार निर्णय लिया गया की अपनी अगली यात्रा पर कविता के मम्मी पापा को साथ में लेकर चला जाए और जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने भी बड़ी ख़ुशी से हमारे साथ जाने में अपनी सहमती जाहिर कर दी। अब अगला कदम था स्थान के चयन का सो सबसे पहले अपने सास ससुर जी से पूछा और उन्होंने गंगा जी के दर्शन तथा स्नान की इच्छा जाहिर की।