इस श्रंखला की पिछली पोस्ट में आपने पढा की
रात लगभग आठ बजे हम लोग शिमला से मनाली के लिए हिमाचल परिवहन की बस में
सवार हो गए, हमें मनाली से कुछ पंद्रह किलोमीटर पहले उतरना था क्योंकि हम
वहां 19 से 21 मई तक चार दिन युथ होस्टल एसोसिऎशन औफ़ इंडिया के फ़ैमिली
एडवेंचर कैंप में रहने वाले थे. यह जगह कुल्लू-मनाली रोड़ पर स्थित एक कस्बे
पतलीकुहल के पास ब्यास नदी के किनारे थी.
शिमला से निकलने के कुछ देर बाद ही हमने
कंडक्टर को पास बुलाया और पता बताते हुए बोला की हमें युथ होस्टल के कैंप
पर उतरना है. मेरी बात सुनते ही पास ही की सीट पर बैठे एक सज्जन बड़े उत्साह
के साथ बोले, अरे आप भी युथ होस्टल कैंप में जाने वाले हैं, हम भी उसी
कैंप में हैं, सुनते ही हम सब को बड़ी खुशी हुई की चलो यहीं से साथी मिलने
लगे हैं, खैर, हमारा उस परिवार से परिचय हुआ, वे दोनों युवा पति पत्नी अपने
मौसा मौसी तथा उनके बेटे के साथ थे, तथा अहमदाबाद से आए थे, उन्होने भी हमारी ही तरह प्लान किया हुआ था पहले शिमला और फ़िर युथ होस्टल के कैंप में मनाली.