भीमाशंकर प्रवास तथा वहां के रात्री
विश्राम की खट्टी मीठी यादें मन में संजोए अब हम अपने अगले गंतव्य
त्र्यंबकेश्वर की यात्रा प्रारंभ करने की गरज़ से सुबह करीब नौ बजे बस
स्टेंड पर आ गए, चुंकि भीमाशंकर से नाशिक के लिये सीधी बस नहीं मिलती है
अत: हमें मंचर नामक जगह से नाशिक की बस पकड़नी थी, हम लोग लगभग दो घंटे में
मंचर पहुंच गए।
मंचर में करीब आधे घंटे के इंतज़ार के बाद
हमें नाशिक के लिये बस मिल गई और शाम चार बजे हम लोग नाशिक पहुंच
गए। भीमाशंकर से निकलते समय घना कोहरा जरुर था लेकिन बारीश नहीं हो रही थी,
पर अब नाशिक पहुंचते पहुंचते बारीश शुरु हो गई थी। बारीश की हल्की फ़ुहारों
के बीच ही हम नाशिक के बस स्टेंड पर उतरे और हमें त्र्यंबकेश्वर के लिये
तैयार खड़ी बस मिल गई। बस में सवार होकर बारीश का आनंद लेते हुए हम कब
त्र्यंबकेश्वर पहुंच गए पता ही नहीं चला।
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