Tuesday, 27 December 2011

शेगांव- श्री गजानन महाराज दर्शन भाग - 3 ( आनंद सागर उद्यान तथा ध्यान केंद्र दर्शन)


इस श्रंखला के पहले भाग में मैंने आपको परिचित कराया था महान संत श्री गजानन महाराज तथा उनके अत्यंत सुन्दर मंदिर से I
आइये अब मैं आपको लेकर चलता हूँ श्री गजानन महाराज संस्थान द्वारा निर्मित तथा संरक्षित आनंद सागर उद्यान की ओर जो विशालता सुन्दरता तथा आध्यात्मिकता का एक बेजोड़ संगम हैI

मंदिर से दर्शन करके लौटने के बाद हम सबने खाना खाया तथा कुछ देर आराम करने के उद्देश्य से भक्त निवास  स्थित अपने कमरे में गएA  
कुछ देर के विश्राम के बाद हम तैयार थे आनंद सागर उद्यान को निहारने के लिएA  संस्थान से दर्शनार्थियों को आनंद सागर ले जाने के लिए संस्थान की एक बस हमेशा उपलब्ध रहती हैA  आनंद सागर जाने के लिए तैयार खड़ी बस में हम भी सवार हो गए तथा करीब दस मिनट में हम आनंद सागर में पहुँच गएA
 आनंद सागर का नाम सर्वथा उपयूक्त हैये सचमुच आनंद का सागर हैA  श्री गजानन महाराज के दर्शन करने के लिए आये उनके अनुयायी तथा भक्त स्वाभाविक रूप से इच्छुक होते है की वे यहाँ कुछ दिन रुके तथा संस्थान की धार्मिकसंस्कृतिक तथा शैक्षणिक गतिविधियों में हिस्सा लें, भक्तों की इस इच्छा को केंद्र में रखते हुए संस्थान ने उनके बचे हुए समय में उन्हें प्रकृति तथा अध्यात्म से जोड़ने के लिए एक उद्यान का विकास किया जिसे आनंद सागर नाम दिया गया और  आज आनंद सागर का नाम देश के कुछ चुनिन्दा उद्यानों में शुमार हैA
आनंद सागर को शेगांव में 325 एकड़  के भू-भाग पर विकसित किया गया है, देश के इस भाग में यह उद्यान सबसे ख़ूबसूरत जगहों में से एक हैA  आनंद सागर, शेगांव कस्बे 
से 4  किलोमीटर की दुरी पर स्थित है तथा रिक्शा द्वारा 10  मिनट में यहाँ पहुंचा जा सकता हैA  इस उद्यान को पूरी तरह से देखने के लिए तथा यहाँ स्थापित क्रीडा तथा मनोरंजन के साधनों जैसे कई प्रकार के झूले, फिसल पट्टियाँखिलौना रेल गाड़ी आदि  का आनंद उठाने के  लिए कम से कम 6 घंटे का समय लगता हैA  उद्यान में प्रवेश करने के लिए निर्धारित शुल्क है 25 रु. लेकिन उद्यान की सुन्दरता के आगे यह राशी नगण्य हैA

आनंद सागर का भव्य प्रवेश द्वार

Friday, 23 December 2011

घर में सुख शांति स्थापित करने के 20 सरल उपाय - कविता भालसे


 इस पोस्ट के माध्यम से श्रीमती कविता भालसे जानकारी दे रही हैं कुछ महत्वपूर्ण उपायों के बारे में जिन्हें उपयोग में ला कर आप भी अपने घर में सुख शांति तथा सम्पन्नता ला सकते है.   

1. घर के लम्बे समय से पड़ा पुराना तथा अनुपयोगी सामान, रद्दी कागज़, पुराने कपड़े, टूटी फूटी मशीनरी जैसे घडी बंद घडी, टुटा फुट आइना, टूटी फोटो फ्रेम वगैरह की वजह से नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है जीससे घर में अशांति एवं कलह का माहौल बनता है अतः ऐसे सामान का समय समय पर निकास करते रहें. पुराणी धार्मिक पुस्तकें अगर नहीं पढ़ रहे हो तो नदी में प्रवाहित करें. आमतौर पर यदि कोई वास्तु पिछले एक वर्ष से उपयोग में नहीं रही है तो तुरंत उसका निकास करें.

2.
फर्श पर पोंछा लगाने से पहले बाल्टी के पानी में थोडा नमक दाल दें तथा उससे पोंछा लगायें और लगाने के बाद घर में अगरबत्ती या धूपबत्ती हर कमरे में जलाकर खिड़की दरवाजे बंद कर दें क्योंकि उस स्थान पर आपसे पहले कौन लोग तथा किन परिस्थितियों में रहते थे यह आपको नहीं मालूम होता है अतः स्थान के वातावरण शुद्धि तथा पवित्रता आवश्यक है.

3.
हर पूर्णिमा पर सुबह के समय हल्दी में थोडा पानी डालकर पेस्ट जैसा बनाकर उससे घर के मुख्य दरवाज़े / प्रवेश द्वार पर बनायें.
 

4.
हर पूर्णिमा पर सुबह के समय घर के मुख्य दरवाज़े / प्रवेश द्वार पर आम के ताजे पत्तों से बनाया हुआ तोरण बांधें.

5. दांपत्य कलह के निवारण के लिए स्फटिक के शिवलिंग पर प्रतिदिन नमः शिवाय मंत्र के उच्चारण के साथ दूध चढ़ाएं.

6. घर के प्रत्येक कमरे में शंख ध्वनि बजने से सुख शांति, रोग निवारण और महालक्ष्मी की कृपा होती है.
 

7.
स्फटिक शिवलिंग पर प्रतिदिन दूध से अभिषेक करने से चाहे जैसा भी गृह कलह हो, अशांति हो वह निश्चित रूप से दूर होगी. अभिषेक " नमः शंकराय मयस्कराय मंत्र के उच्चारण के साथ करें.

8बड़ा दक्षिणावर्ती शंख लेकर प्रतिदिन पूजा करने के बाद जल भर कर रख देंदुसरे दिन पूजा के बाद पहले उस संगृहीत जल को पुरे घर में छिटक दें इससे  केवल पाप का नाश होता है बल्कि गृह निवारण में भी सहायता मिलती है.
 
9. 13 की संख्या में गोमती चक्र लेकर शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ाएं इससे नौकरी, स्थानांतरण, पदोन्नति आदि में सहायता मिलेगी तथा सम्बंधित बाधा दूर होगी. ये उपाय किसी को बताएं, बताने से मनोरथ पूर्ण नहीं होगा .
 

10. गायत्री मंत्र का ११ बार जाप करने से मानसिक शांति मिलती है.

11. हम जिस बिस्तर पर सोते हैं उसके निचे पुराना तथा अनुपयोगी सामान रखें, इससे भी अशांति का माहौल बनता है.

12. प्रतिदिन पूजा के दौरान कपूर जलाने से नकारात्मक उर्जा दूर होगी.
 
13गोमती चक्र स्वतः सिद्ध होते हैं,  बस उन्हें गंगा जल  धोकर धुप अगरबत्ती दिखाएँ और रखें.

14.  माँ लक्ष्मी की भरपूर कृपा पाने के लिए ग्यारह गोमती चक्र और ग्यारह लक्ष्मीकारक कौड़ियाँ लाल कपड़े में लपेट कर धन के स्थान पर रखें.
 
15लक्ष्मीनारायण मंदिर में पांच शुक्रवार पांच गोमती चक्र चढाने से आरती उन्नति के मार्ग खुल जायेंगे.
16इशान कोण में कचरा, धुल, गन्दगी, बिलकुल रहने दें क्योंकि यह दिशा भगवान् शिव की होती है अतः हर कमरे के ईशान कोण का विशेष ध्यान रखें.
17. 11 गोमती चक्र को लाल सिन्दूर की डिब्बी में रख कर घर में रखें, घर में सुख शान्ति रहेगी.

18घर में लाफिंग बुद्धा रखें पर वो किसी के द्वारा गिफ्ट किया हुआ होना चाहिए तथा घर में उसका मुंह हमेशा मुख्य दरवाजे की ओर होना चाहिए.
 

19. गोमती चक्र चुनते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें की वे बड़े साइज़ के हों तथा पूर्ण हों (खंडित बिलकुल हों).

20. ऊपर लिखे सारे उपाय का प्रयोग करते समय एक बात का विशेष ख्याल रखें की इन्हें किसी भी अन्य व्यक्ति को बताएं क्योंकि आपकी ख़ुशी में खुश होने वाले लोग दुनिया में कम ही होते हैं तथा उन्हें पहचानना मुश्किल होता है.
                                                                          हार्दिक शुभकामनाओं के साथ - कविता भालसे