Tuesday 5 June 2012

Mumbai Local / मुंबई लोकल: माया नगरी की जीवन रेखा

दोस्तों, अपने धार्मिक यात्रा वृत्तांतों से अलग आज मैं आप लोगों को भारत की व्यावसायिक राजधानी मुंबई जिसे मायानगरी भी कहा जाता है की जीवन रेखा यानि मुंबई उपनगरीय रेल व्यवस्था (मुंबई लोकल) तथा उससे जुड़े मेरे अनुभवों के बारे में बताना चाहता हूँ.
हमारी मुंबई यात्रा वस्तुतः मेरे तथा विशाल राठोड़ (जो घुमक्कड़ के एक वरिष्ठ लेखक हैं) के परिवार की सम्मिलित तटीय कर्नाटक यात्रा (उडुपी – कोल्लूर- मुरुदेश्वर- गोकर्ण) के परिणामस्वरूप थी. हमें अपनी कर्नाटक यात्रा के लिए योजना के अनुसार पहले विशाल राठोड़ के घर मुंबई जाना था तथा वहां से दोनों परिवारों को उडुपी के लिए प्रस्थान करना था.
अपने इस चार दिवसीय मुंबई प्रवास के दौरान मुंबई में हमने विशाल राठोड़ के मार्गदर्शन में उन्हीं के साथ मुंबई के कुछ चुनिन्दा दर्शनीय स्थलों का भ्रमण तथा अवलोकन किया जैसे हाजी अली की दरगाह, सिद्धि विनायक मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर, तारापुरवाला एक्वेरियम, बांद्रा बेन्डस्टेंड, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ताजमहल होटल, गेटवे ऑफ़ इंडिया, बाबुलनाथ मंदिर, मुकुटेश्वर मंदिर, इस्कोन मंदिर, एंटेलिया (मुकेश अम्बानी का निवास), मन्नत (शाहरुख खान का निवास), जलसा तथा प्रतीक्षा (अमिताभ बच्चन के दोनों निवास), बसेरा (रेखा का निवास), इम्पीरियल टॉवर्स तथा अन्य कई दर्शनीय स्थल.

मुंबई लोकल का पहला सफ़र (मैं, विशाल, संस्कृति एवं शिवम्)


Friday 1 June 2012

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग – ईश्वर सत्य है, सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है. By Kavita Bhalse


जय नागेश्वर
सभी घुमक्कड़ साथियों को कविता की ओर से ………ॐ नमः शिवाय……….इस श्रंखला की पिछली पोस्ट में मैंने आपलोगों को भगवान श्री कृष्ण की नगरी द्वारका का परिचय करवाया. और आइये अब मैं आपलोगों को लेकर चलती हूँ श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग जो की द्वारका से ही लगा हुआ है…….


जय नागेश्वर
जैसा की आपलोग जानते हैं की द्वारका से करीब 16 किलोमीटर की दुरी पर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है, द्वारका के आसपास स्थित दर्शनीय स्थलों के दर्शन के लिए जो बस चलती है वही बस रुक्मणि मंदिर के दर्शन के बाद यात्रियों को नागेश्वर ज्योतिर्लिंग लेकर जाती है तथा वहां से गोपी तालाब होते हुए बेट द्वारका जाती है. हमने भी बेट द्वारका सहित अन्य स्थलों के दर्शनों के लिए बस में बुकिंग करवाई थी (जिसका वर्णन मैंने अपनी पिछली पोस्ट में किया है). सारे सहयात्रियों के साथ पहले दिन हमने भी नागेश्वर के दर्शन किये लेकिन यह बस यहाँ सिर्फ 15 मिनट के लिए रुकी थी और हम जैसे शिव भक्तों के लिए ज्योतिर्लिंग मंदिर दर्शन के लिए यह समय पर्याप्त नहीं था अतः अगले दिन हमने अलग से नागेश्वर मंदिर आने की योजना बना ली.